‘रूस हेल्थ अथॉरिटीज’ ने पब्लिक यूज़ के लिए एक कोवीड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, जो ‘फॉर्मर बायोलॉजिकल वेअपॉन्स रिसर्चर लैबोरेट्री’ द्वारा बनाई गई है। बता दें कि, यह फैसला दूसरी बार तब लिया गया, जब क्रेमलिन ने एक्सेप्टेड ‘साइंटिफिक प्रोटोकॉल’ को बाईपास कर दिया।
क्या आप जानते हैं कि साइबेरिया में ‘वेक्टर स्टेट वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी सेंटर’ द्वारा डेवलोप एक वैक्सीन रजिस्टर्ड किया गया है। वहीं, प्रेसिडेंट पुतिन ने बुधवार को एक टेलीविज़न कमेंटेन्स के दौरान कहा, “हमें अपने पहले और अभी के सेकंड वैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने की जरूरत है, जिसके लिए सबसे पहले हमें डॉमेस्टिक मार्किट की सप्लाई को बढ़ाना होगा।”
फेज 3 ट्रायल्स को पूरा करने से पहले वेक्टर्स ड्रग को रजिस्टर्ड किया गया था। वहीं, पुतिन ने दो महीने बाद
‘स्पुतनिक वी’ को दुनिया के पहले कोरोना वायरस वैक्सीन के रूप में मंजूरी देने की घोषणा की। ऐसे में डिप्टी पीएम तात्याना गोलिकोवा ने कहा, “ये सेफ है, और हम सबसे पहले 60,000 डोज़ को जल्द प्रोड्यूस करेंगे। मैं बता दूं कि पुतिन ने पहले ही वैक्सीन लगाने की कोशिश की थी, जिसके बाद हमें कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।”
वैसे, स्पुतनिक वी की तरह प्रोविशनल रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने से पहले वेक्टर की EpiVacCorona वैक्सीन को लिमिटेड नंबर में लोगों पर टेस्ट किया गया था। साथ ही फेज 1 और 2 ट्रायल्स में 100 वालंटियर्स थे। लास्ट वीक वेक्टर के जनरल डायरेक्टर रिनैट मैकिसुतोव ने कहा, “पीर-रिव्यु की गई जर्नल में कोई डेटा पब्लिश्ड नहीं किया गया है।”