शिकागों: जॉनसन एंड जॉनसन ने अब एक सिंगल-शॉट कोवीड-19 वैक्सीन के फाइनल 60,000 पर्सन ट्रायल को बंद कर दिया है। दरअसल, एक तरफ जहां उन्होंने यह फैसला कल यानी बुधवार को लिया है। वहीं, दूसरी तरफ यह मुख्य रूप से दो डोज़ का इस्तेमाल करके लीडिंग रिवल्स की तुलना में कई लाखों डोज़ के डिस्ट्रीब्यूशन को आसान करेगा।
एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों के साथ J&J के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. पॉल स्टॉफल्स,
ने कहा कि कंपनी इस साल के आखिरी महीने या अगले साल की शुरुआती महीने में इसके फेज III के ट्रायल के परिणामों की उम्मीद कर रही है।
क्या आप जानते हैं कि मॉडर्न इंक, फाइजर इंक और एस्ट्राजेनेका के रिवल वैक्सीन्स को कई हफ्तों तक अलग करने वाले दो शॉट्स की ज़रूरत होती है, जिससे उन्हें एडमिनिस्टर करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
हार्वर्ड वैक्सीन के रिसर्चर डॉ. डैन बारुच, जो J&J’s कोवीड-19 वैक्सीन के डिज़ाइन में मदद कर रहे हैं। उन्होंने एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में कहा, “एक सिंगल-शॉट वैक्सीन के पोटेंशियली प्रोफॉउंड का मास इम्यूनाइजेशन कैम्पेनस और ग्लोबल पान्डेमिक कंट्रोल के रूप में काफी फायदा है।”
इसके बाद स्टॉफल्स ने कहा, “J&J अपनी कंपनी की वेबसाइट पर बुधवार को अपने फेज 3 ट्रायल के लिए एक डिटेल्ड स्टडी प्रोटोकॉल पब्लिश करेगी, जिसमें तीन अलग तरीके के वैक्सीन निर्माता शामिल हैं। वहीं, इन तीनों वैक्सीन निर्माता ने हाल ही के हफ्तों में इन स्टडी प्लेन्स को उपलब्ध कराया है, क्योंकि वह चाहते हैं कि इसकी ट्रांसपेरेंसी में वृद्धि हो सकें।
संयुक्त राज्य अमेरिका और बेल्जियम में इसके फेज 1/2 ट्रायल में पॉजिटिव रिजल्ट देखने के बाद J&J ने फेज 3 का ट्रायल शुरू किया। वहीं, कंपनी का प्लान उन रिजल्ट्स को आसान तरीके से इममिनेंटली करना है।साथ ही कंपनी द्वारा जानवरों के अध्ययन में
सेफ्टी और लेवल ऑफ प्रोटेक्शन को भी देखा गया था, जो लगभग उसके बराबर था। मैं कहूँ तो इसके रिजल्ट से पता चलता है कि एक सिंगल डोज़ लंबे समय तक पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर सकती है।”
स्टॉफल्स ने आगे कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स, साउथ अफ्रीका, अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको और पेरू में J&J लेट-स्टेज फेज का ट्रायल 215 साइटों के रूप में इस्तेमाल करेगा। वहीं, कंपनी की योजना 2021 में 1 बिलियन से अधिक डोज़ बनाने की है।
[ ] ऐसे में इस ट्रायल और टेस्ट का सवाल और गोल यह है:
• क्या वैक्सीन एक डोज़ के बाद मॉडरेट से गंभीर स्थिति के कोवीड-19 रोग को रोक सकता है?
• क्या वैक्सीन मेडिकल इंटरवेंशन की आवश्यकता वाले गंभीर रोग को रोक सकता है?
• क्या यह मिल्डर केस के वायरस को भी रोक सकता है?
अगर स्टॉफल्स की बात पर ध्यान दें, तो वह भविष्यवाणी करते हुए कहते हैं कि ट्रायल को इनरोल करने में छह सप्ताह से दो महीने का समय लगेगा। इसके साथ ही कंपनी को उम्मीद है कि वैक्सीन “इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में” तैयार होकर काम करने लगेगी।
वैसे, अभी यह क्लियर नहीं है कि कंपनी को रेगुलेटरी का अप्रूवल कितनी जल्दी मिलता है, लेकिन J&J का मंजूरी से पहले डोज़ बनाने की योजना है। शायद इसी के चलते कंपनी ये डिस्ट्रीब्यूशन जल्दी शुरू कर सकता है।
ट्रायल एक इंडीपेंडेंट डेटा और सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (DSMB) द्वारा किया जाएगा, जो वैक्सीन सेफ्टी और इफेक्टिवनेस का रिव्यु करेगा। वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डायरेक्टर डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स ने कहा कि सभी तीन वैक्सीन फ़ेडरल गवर्नमेंट के ऑपरेशन वार स्पीड- J&J, मॉडर्न और एस्ट्राजेनेका द्वारा एक कॉमन DSMB शेयर करते हैं। कोलिन्स ने आगे कहा कि फाइजर अपना खुद का ट्रायल चला रहा है, और उसका एक अलग DSMB है।
J&J का ट्रायल 60% इफेक्टिव वैक्सीन के टेस्ट के लिए बनाया गया है। वहीं, स्टडी प्रोटोकॉल में 154 लोग वायरस से संक्रमित होने के बाद डिटरमाइन किए जा सकते हैं। स्टॉफल्स ने आगे कहा कि कंपनी लोगों को वैक्सीन लगाने के 15 दिन बाद स्टडी पॉपुलेशन के आस-पास कोवीड-19 इन्फेक्शन के मामलों की गिनती शुरू करेगी। वहीं, 20 लोगों के संक्रमित होने के बाद वैक्सीन की एफ्फीसेंसी पर DSMB अपना पहला प्रभाव डालेगा।
कोलिन्स ने आगे कहा कि DSMB में कोई फ़ेडरल एम्प्लॉई शामिल नहीं है, और यह बहुत हाई एक्सपीरियंस साइंटिस्ट और स्टैटिस्टिकल एक्सपर्ट्स से बना है।