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अमेरिका में कोरोना वैक्सीन का इंसानी ट्रायल हुआ सफल!

Friday May 22, 2020 at 11:13 am

कोविड-19 की महामारी को रोकने के लिए हर देश अपने-अपने तरीके से प्रयास कर रहा है। वहीं, वैक्सीन के पहले ट्रायल में अमेरिका से अच्छी खबर मिल रही है।
जी हां, आपने बिलकुल सही सुना अमेरिका के पहले कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर चल रहे ट्रायल के बहुत ही सकारात्मक नतीजे मिले हैं। बात दें कि इस वैक्सीन का नाम mRNA-1273 है।

इसे बनाने वाली बोस्टन स्थित बायोटेक कंपनी मॉर्डना ने सोमवार शाम इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जिन प्रतिभागियों पर mRNA-1273 वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उनके शरीर में उम्मीद से अच्छी इम्यूनिटी बढ़ी है और साइड इफेक्ट्स भी मामूली हैं।

इस खबर ने वॉल स्ट्रीट में जोश भरने का काम किया और एसएंडपी 500 यूएस बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स दोपहर के कारोबार में 3 प्रतिशत ऊपर चढ़ गया। इसके साथ हीमॉडर्न के शेयर ने करीब 30 फीसदी की छलांग लगाई और शेयर के दाम 66 डॉलर से उछलकर 87 डॉलर तक चढ़ गए।

बता दें कि, सोमवार को मॉर्डना ने प्रारंभिक चरण के ट्रायल के अंतिम परिणामों के बारे में बताया। उनके अनुसार mRNA-1273 नाम का यह वैक्सीन, जिस कैंडिडेट को दिया गया था, उसके शरीर में केवल मामूली दुष्प्रभाव देखे गए और वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित और सहरानीय पाया गया।

मॉर्डना ने बताया कि वैक्सीन पाने वाले कैंडिडेट्स का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में और कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया। मॉर्डना के सीईओस्टीफन बैंसेल ने कहा कि वे इससे बेहतर डेटा की उम्मीद नहीं कर सकते थे।

क्या आप जानते हैं कि मॉर्डना पहली अमेरिकी कंपनी है, जिसने वैक्सीन की रेस में सबको पीछे छोड़ दिया है। कंपनी ने वैक्सीन के लिए जरूरी जेनेटिक कोड पाने से लेकर उसका इंसानों में ट्रायल तक का सफर मात्र 42 दिनों में पूरा कर लिया। यह भी पहली बार हुआ कि जानवरों से पहले इंसानों में ट्रायल शुरू कर दिया गया था।

16 मार्च कोसिएटल की काइज़र परमानेंट रिसर्च फैसिलिटी में सबसे पहले यह वैक्सीन दो बच्चों की 43 वर्षीय मां, जेनिफर नाम की महिला को लगाया गया। पहले ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल किए गए थे। इनमें से शुरू में 8 को ये वैक्सीन लगाया गया था।

मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टालजकस ने कहा कि नतीजों से पता चला है कि वैक्सीन की बहुत थोड़ी मात्रा देने पर भी कुदरती संक्रमण से मुकाबले के लिए इम्यून सिस्टम ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है। इन नतीजों और चूहों पर की गई स्टडी के बाद मिले डेटा के आधार पर कम्पनी अब आगे के ट्रायल कम डोज देकर करने की योजना बना रही है।

उन्होंने बताया कि ट्रायल के शुरुआती चरण में ऐसे साइड-इफेक्ट्स थे, जो कई वैक्सीन के लिए आम होते हैं, जैसे – कुछ लोग इंजेक्शन की जगह पर लालिमा और ठंडेपन का अनुभव करते हैं। इन आंकड़ों ने हमारे विश्वास को पुष्ट किया कि mRNA-1273 में कोविड-19 को रोकने की क्षमता है।

वहीं, मॉर्डना कम्पनी के शेयर की कीमत फरवरी के बाद से तीन गुना से अधिक हो गई है। कोरोना वायरस वैक्सीन के सफल ट्रायल ने नैस्डेक मार्केट के निवेशकों में ऐसा जोश भरा कि शेयर 25 फीसदी से ऊपर उछल गया।