IMA ने पतंजलि की COVID-19 ड्रग ‘कोरोनिल एंड स्वैसी’ के विज्ञापन के खिलाफ आयुष मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना की!
Friday June 26, 2020 at 6:14 amइंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि आयुष सहित सभी प्रणालियों की दवाओं की सुरक्षा पर प्रशासनिक विनियमन को सावधानीपूर्वक लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि COVID-19 प्रत्येक मनुष्य के लिए बहुत चिंता का विषय है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा, ”इस संबंध में ड्रग्स, टीके और प्रयोगशाला परीक्षणों का बारीकी से मूल्यांकन किया जाना है। रात के ऑपरेटरों द्वारा उड़ान भरने के लिए मरीजों को फिरौती लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वहीं, इस संबंध में, यह भी बताया गया है कि औपचारिक फार्माकोपिया और सबूत आधारित दोहरे अनुसंधान के साथ अंधे नियंत्रण पर जोर दिया जाना चाहिए।”
डॉ. राजन शर्मा ने आगे कहा, “एक बार फिर आयुष मंत्रालय और भारत सरकार की सराहना करते हुए आयुष के बहाने कुछ दवाओं की प्रभावकारिता के संबंध में असत्यापित दावों पर सही कदम उठाने के लिए हम उनकी सरहाना करते हैं।”
बता दें कि, इससे पहले हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ने कोरोना वायरस बीमारी (COVID-19) का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक दवा ‘कोरोनिल एंड स्वैरी’ लॉन्च की थी, जिसके बारे में कंपनी ने कहा है कि प्रभावित मरीजों पर नैदानिक परीक्षण के दौरान 100 प्रतिशत अनुकूल परिणाम दिखाए गए हैं। कंपनी ने घोषणा की कि पतंजलि अनुसंधान केंद्र और NIMS, जयपुर के संयुक्त प्रयासों से पहली आयुर्वेदिक, चिकित्सकीय रूप से नियंत्रित परीक्षण आधारित साक्ष्य और अनुसंधान-आधारित दवा तैयार की गई है।
मगर एक दिन बाद, केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पतंजलि योगपीठ को उन दवाओं का विज्ञापन बंद करने के लिए कहा, जिनके बारे में कंपनी का दावा है कि वे कोरोना वायरस का इलाज कर सकते हैं।
दरअसल, हरिद्वार (उत्तराखंड) के पतंजलि आयुर्वेद द्वारा COVID -19 के इलाज में किए गए दावों पर आयुष मंत्रालय ने कहा कि उसने हाल ही में कंपनी द्वारा अपनी दवा पर छपी खबर का संज्ञान लिया था। दवा से संबंधित दावे के तथ्य और कथित वैज्ञानिक अध्ययन के विवरण आयुष मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार मंत्रालय को ज्ञात नहीं हैं।
बता दें कि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भारत में चिकित्सा की आधुनिक वैज्ञानिक प्रणाली के डॉक्टरों का एक राष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन है, जो बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ-साथ डॉक्टरों के हित को देखता है।