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Flu drug favipirvir promises to stop infection of Covid-19

Wednesday October 14, 2020 at 10:12 am

लंदन: कोविड-19 माहमारी की वैक्सीन को लॉन्च करने की जदोजहद ने एक तरफ़ सभी फार्मा कंपनी और डॉक्टर्स की परेशानियों को बढ़ा कर रखा है। वहीं, अब एक स्टडी के अनुसार, फ्लू ड्रग फेविपिरविर ने इसकी हाई डोज़ में एडमिनिस्टर्ड होने पर रोडेंट्स में कोवीड-19 इंफेक्शन को रोकने का वादा किया है।

एक रिसर्च के मुताबिक, यह निर्धारित करना बेहद आवयशक होगा कि ह्यूमन अगर फेविपिरविर का हाई डोज़ लेता है, तो क्या उसकी बॉडी इसे सहन कर पाएगी। दरअसल, फेविपिरविर एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीवायरल दवा है, जिसका इस्तेमाल चार से पांच दिनों तक इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए किया जाता है।

रेगा इंस्टीट्यूट फ़ॉर मेडिकल रिसर्च के सुज़ैन कपेटिन ने कहा, “हमने हैम्स्टर्स को वायरस के संपर्क में आने से पहले दवा दी थी, जिसके आधार पर हम यह स्थापित कर सकते हैं कि दवा का इस्तेमाल प्रोफायलैक्टिकल्ली के रूप में किया जा सकता है। अगर आगे की स्टडी से पता चलता है कि इसके रिजल्ट्स ह्यूमन में समान हैं, तो ड्रग का इस्तेमाल ठीक उसी समय किया जा सकता है, जब कोई व्यक्ति किसी हाई रिस्क वाले ग्रुप के किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो।”

जनरल प्रिवेंटिव उपयोग एक ऑप्शन नहीं है। इस पर केयू ल्यूवेन से लेएन डेलंग ने कहा, “हैमस्टर्स में हमने शायद ही किसी भी साइड इफ़ेक्ट का पता लगाया हो।”

बता दें कि, रिसर्चरों ने स्टडी के लिए हैमस्टर्स का उपयोग किया, क्योंकि रोडेंट्स SARS-CoV-2 रिसर्च के लिए बेहद उपयुक्त हैं। जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश्ड इस स्टडी के लिए, टीम ने चार से पांच दिनों के लिए हैमस्टर को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या फेविपिरवीर दिया।

दरअसल, उन्होंने फेविपिरविर की कई डोज़ का परीक्षण किया। वहीं, हैम्स्टर दो तरह से SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित थे। डायरेक्ट इंफेक्शन से एक घंटे पहले या इंफेक्टेड हैम्स्टर के संपर्क में आने से एक दिन पहले ड्रग ट्रीटमेंट शुरू किया गया था।

इंफेक्शन या एक्सपोज़र के चार दिन बाद, रिसर्चर्स ने मापा कि हैमस्टर्स में कितना वायरस मौजूद था, जिससे पता चला कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ ट्रीटमेंट का कोई भी प्रभाव नहीं था। इसमें वायरस का स्तर कम नहीं हुआ था, और हैम्स्टर अभी भी इंफेक्शउस थे।

KU लियुवेन के जोआना रोषा-पेरेइरा ने इसके बारे में बताया, “एनिमल मॉडल या क्लीनिकल स्टडीज में क्लियर एविडेंस की कमी के बावजूद, कई कोवीड-19 रोगियों का पहले से ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ इलाज किया गया है। वहीं, इन टीमों के परिणामों के आधार पर हम कोवीड-19 के ट्रीटमेंट के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की खोज करने के खिलाफ हैं।”

फेविपिरविर की हाई डोज़ एक पोटेंट इफ़ेक्ट थी। वहीं, एक स्टडी के मुताबिक, इस इंफेक्शन के कुछ दिनों बाद, वायरोलॉजिस्ट ने हैम्स्टर्स में शायद ही किसी भी इंफेक्शन वायरस के पार्टिकल्स का पता लगाया (जो संक्रमित हो चुका) था। इसके अलावा, कई हैम्स्टर्स, जो एक संक्रमित हैम्स्टर के साथ एक पिंजरे में थे, उन्हें दवा दी गई थी। वहीं, एक ऑब्वियस इंफेक्शन विकसित नहीं हुआ था। साथ ही जिन लोगों को दवा नहीं मिली थी, वे सभी संक्रमित हैम्स्टर के साथ एक पिंजरे में रहने के बाद संक्रमित हो गए।