केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एंटीवायरल दवाई रेमेडिसविर और फेवीपिरवीर को लेकर नहीं है संतुष्ट!
Monday May 18, 2020 at 11:10 amकोरोना से लड़ने में एंटीवायरल ड्रग्स रेमेडिसविर और फेवीपिरवीर की प्रभावशीलता को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी तरह से अभी संतुष्ट नहीं है। बात दें कि, दवा के उपयोग पर चर्चा के लिए आईसीएमआर, एनसीडीसी, डीसीजीआई, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स, डीजीएचएस और पशुपालन मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गई।
वहीं, एक न्यूज़ पोर्टल के आधिकारिक बयान के हवाले से कहा गया कि तकनीकी समिति ने इन दो एंटीवायरल दवाओं को कोविड-19 के उपचार में उपयोग के लिए फिट नहीं पाया है, क्योंकि दवाओं के प्रभाव को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत अभी तक सामने नहीं आया है, जिन देशों ने इन दो एंटीवायरल ड्रग्स का इस्तेमाल किया है। वहां कोरोना वायरस के रोगियों पर इसके अच्छे परिणाम नहीं दिखे हैं।
इन दो दवाओं की वजह से ना ही तो मृत्यु दर में कमी आई है और ना ही इससे मरीजों के ठीक होने की अवधि में सुधार नजर आया है। बयान मे कहा गया कि अभी तक हम केवल चयनित व्यक्तियों को कोविड-19 के प्रोफिलैक्सिस के रूप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सलाह देते हैं।
भारत की प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने गिलीड साइंसेज के साथ कोविड-19 के इलाज की संभावित दवा ‘रेमेडिसविर’ के विनिर्माण और वितरण के लिए गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है।