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कोरोना की संभावित दवा के लिए भारतीय दवा कंपनी ने गिलीड साइंसेज के साथ किया समझौता!

Tuesday May 19, 2020 at 11:03 am

कोरोना के कहर से लोगों को बचाने के लिए भारत की प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने गिलीड साइंसेज के साथ कोविड-19 के इलाज की संभावित दवा ‘रेमडेसिविर’ के विनिर्माण और वितरण के लिए गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है।

दरअसल, यह बात कंपनी सिप्ला ने बुधवार को कहा। इसका मतलब है कि जल्द ही दो भारतीय फार्मा कंपनी भी कोरोना के इलाज में मददगार साबित होंगी। बता दें कि, इसके बाद दोनों कंपनियां भारत समेत दुनिया के 127 देशों में यह दवा बेच सकेंगी। वहीं, दोनों भारतीय कंपनियां दवा का उत्पादन करने के साथ ही अपने ब्रांड का इस्तेमाल भी कर सकेंगी।

रेमडेसिविर दवा ने अपना क्लीनिकल ट्रायल इसी महीने पूरा किया है। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ”दुनियाभर में इस महामारी से पीड़ित मरीजों को जीवन-रक्षक इलाज उपलब्ध कराने के लिए सिप्ला के प्रयासों के तहत यह समझौता किया गया है। समझौते के तहत सिप्ला को एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट) और अंतिम उत्पाद के विनिर्माण तथा भारत और दक्षिण अफ्रीका सहित 127 देशों में इसके विपणन की अनुमति मिलेगी। इन दवाओं का विपणन सिप्ला के ब्रांड नाम के तहत किया जाएगा।

जुलिबंट लाइफ साइंस के चेयरमैन श्याम भरतिया और मैनेजिंग डायरेक्ट हरी एस भरतिया ने कहा, हम दवा के क्लीनिकल ट्रायल और रेगुलेटरी मंजूरी पर नजर रखेंगे और मंजूरी मिलने के बाद दवा को लॉन्च कर दिया जाएगा। हमारी योजना देश में ही दवा के एपीआई (API) को तैयार करने की है। इससे रेमडेसिवीर की कीमत कम करने में मदद मिलेगी।

बता दें कि, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए एक भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक के नेतृत्व में किए गए विषाणु रोधी दवा रेमडेसिवीर के तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। वहीं, कैलीफोर्निया स्थित दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने बुधवार को कहा कि प्रारंभिक परिणामों से पता चला कि रेमडेसिवीर दवा की पांच दिन की खुराक के बाद कोविड-19 के मरीजों में से 50 प्रतिशत की हालत में सुधार हुआ और उनमें से आधे से अधिक को दो सप्ताह के भीतर छुट्टी दे दी गई।

तीसरे चरण के परीक्षण को दवा को स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया में अंतिम कदम कहा जाता है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के क्लिनिकल प्रोफेसर एवं अध्ययन में शामिल अग्रणी अनुसंधानकर्ताओं में से एक अरुणा सुब्रह्मण्यन ने कहा कि ये परिणाम उत्साहजनक हैं और संकेत करते हैं कि जिन मरीजों ने रेमडेसिवीर दवा का पांच दिन तक सेवन किया, उनकी हालत में 10 दिन तक दवा का सेवन करने वालों की तरह ही सुधार हुआ।