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CDSCO की नई पहल, ट्रांसफ्यूजन संबंधी प्रतिकूल घटनाओं के रोगियों की निगरानी के लिए लेगा CP थेरफी की मदद!

Thursday July 2, 2020 at 9:20 am

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control organization (CDSCO)) अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union health ministry’s) के दिशानिर्देशों पर आधारित कॉनवालेसेंट प्लाज्मा (convalescent plasma (CP)) चिकित्सा पर नए मापदंड के सेट के साथ काम करेगा। दरअसल, ये फैसला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर किसी भी आधान संबंधी प्रतिकूल घटनाओं और मरीजों के पोस्ट ट्रांसफ्यूजन पर निगरानी रखने के लिए लिया गया है।

वैसे, देखा जाए तो CP पर विचार करते हुए नए मानदंडों के अनुसार उसमें विशेष पूर्वापेक्षाएं भी शामिल हैं, जो एबीओ कम्पेटिबिलिटी और डोनर प्लाज्मा के क्रॉस मैचिंग है। बता दें कि, इसमें डोनर प्लाज्मा का न्यूट्रलाइजिंग टिटर विशिष्ट सीमा से हमेशा ऊपर होना चाहिए। अगर ये उपलब्ध नहीं है, तो 1:640 से ऊपर प्लाज्मा IgG टिटर (S- प्रोटीन RBD के खिलाफ) का उपयोग किया जाना चाहिए। फिलहाल, IgA की कमी या इम्युनोग्लोबुलिन एलर्जी वाले रोगियों को CP के उपयोग से बचना चाहिए। खुराक 4 से लेकर 13 मिलीलीटर/किग्रा (आमतौर पर 200 मिलीलीटर एकल खुराक होना चाहिए, जो 2 घंटे से कम नहीं होता है।) तक होना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नए क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल: COVID-19 पर नए दिशानिर्देश 27 जून, 2020 को जारी किए गए थे। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, सीपी को उन रोगियों में माना जा सकता है, जिन्हें मध्यम बीमारी है (जिसमें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है।)।

CDSCO ने अप्रैल 2020 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research (ICMR)) द्वारा विकसित प्रोटोकॉल के अनुसार CP थेरेपी के लिए नैदानिक ​​परीक्षणों के संचालन पर कोई आपत्ति नहीं दी थी। वहीं, अनुमोदन के बाद, इसने व्यक्तियों, संस्थानों और संगठनों को निर्देशित किया था, जो CP चिकित्सा, नैदानिक ​​परीक्षण के संचालन और आईसीएमआर से परामर्श लेने के लिए परीक्षण के संचालन में रुचि रखते थे।

14 अप्रैल, 2020 को एक बैठक में CDSCO, विषय विशेषज्ञ समिति (subject expert committee (SEC)) के माध्यम से परीक्षण करने के लिए ICMR के प्रस्ताव की समीक्षा की गई और CP थेरेपी को कोविड ​​-19 की वर्तमान मौजूदा स्थिति के मद्देनजर त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के तहत मंजूरी दी गई। वहीं, इसके आधार पर समिति की सिफारिशें नए प्रोटोकॉल और नैदानिक ​​परीक्षण नियम 2019 (Drugs And Clinical Trial Rules 2019) के तहत प्रोटोकॉल में कुछ संशोधनों और विभिन्न शर्तों के अधीन इसे अनुमोदित किया गया है।

ICMR ने CDSCO के साथ संस्थानों की एक सूची भी साझा की थी, जिन्होंने उक्त परीक्षण के संचालन में रुचि दिखाई है। प्रोटोकॉल के अनुसार, प्लाज्मा डोनर्स को प्लाज्मा दान की प्रक्रिया और प्रक्रिया से जुड़े प्रतिकूल घटनाओं के बारे में बताया जाएगा। वहीं, सहमति दाताओं के बीच और परिणामों के आधार पर, दाताओं को प्लाज्मा दान के लिए एक निर्दिष्ट तिथि पर लौटने के लिए कहा जाएगा।

प्लाज्मा संग्रह स्वास्थ्य सुविधा में एफेरेसिस उपकरण का उपयोग करके केन्द्रापसारक पृथक्करण द्वारा किया जाएगा। CP थेरेपी प्रबंधन योजना पूरक ऑक्सीजन और यांत्रिक वेंटिलेशन के साथ सहायक देखभाल है। विभिन्न उपचार रणनीतियों की प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए दुनिया भर में कई परीक्षण किए जा रहे हैं। US FDA ने COVID-19 से बरामद मरीजों को गंभीर या जीवन के लिए खतरा होने वाले COVID-19 संक्रमण के इलाज के लिए भी CP द्वारा मंजूरी दी थी।