स्वास्थ्य मंत्रालय ने एआईओसीडी को दिए आदेश, कहा- “महत्वपूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें”
Saturday May 23, 2020 at 11:29 amकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अखिल भारतीय दवा विक्रेता संघ (एआईओसीडी) को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में
लिखकर कहा है कि उनके सदस्यों को इस ‘‘चुनौती भरे समय’’ के दौरान कोविड-19 प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण दवाओं तथा अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
बता दें कि मंत्रालय ने कोरोना वायरस के रोगियों के आईसीयू प्रबंधन के लिए 55 दवाओं तथा अन्य संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए 96अन्य दवाओं की सूची भेजी है।
वहीं, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की विस्तृत कवायद के बाद यह सूची तैयार की गई है। पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के लिए चिकित्सीय प्रबंधन दिशा-निर्देशों के अनुरूप, स्वास्थ्यकर्मियों और पुष्ट मामलों के संबंध में पारिवारिक संपर्कों जैसी कुछ श्रेणियों के वास्ते रोग निरोध के रूप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का परामर्श दिया गया है।
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि आईसीयू प्रबंधन की आवश्यकता वाले गंभीर रोगियों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन के मिश्रण का परामर्श दिया गया है। वर्तमान में कुछ अन्य दवाएं भी परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं, लेकिन भारत में अब तक इनका परामर्श नहीं दिया गया है।
वहीं, मंत्रालय ने कठिन समय के दौरान भारत के दवा व्यापार संगठनों के योगदान को मान्यता देते हुए कहा कि अन्य आवश्यक दवाओं के साथ इन दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता आपके सदस्यों द्वारा सुनिश्चित की जाती है। ये कदम महामारी के प्रभावी चिकित्सीय प्रबंधन में काफी कारगर होंगे।
पत्र में आगे यह भी कहा गया, ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि कृपया इस संदेश को अपने सदस्यों तक पहुंचाएं, जिससे की कोविड-19 के इस चुनौती भरे समय में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।’’
इसके बाद एआईओसीडी ने अपने सभी पदाधिकारियों, अध्यक्षों, सचिवों और कार्यकारिणी सदस्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) रोगियों के लिए आपात स्थिति में किसी तरह की कमी से बचने के लिए सूची में बताई गई दवाओं की प्रचुर उपलब्धता रखें।
वहीं, एआईओसीडी के अध्यक्ष जगन्नाथ सखाराम शिन्दे ने अपने संदेश में कहा, ‘‘हममें से सभी को कुछ और समय के लिए कठिन परिश्रम करने तथा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एवं एजिथ्रोमाइसिन जैसी दवाएं सावधानी से प्रदान करने की आवश्यकता है, जिन्हें डॉक्टर का पर्चा देखकर ही बेचा जा सकता है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि आप इस संदेश को अपने दवा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं तक पहुंचाएंगे।”